NOIDA: जब आप गाड़ी चला रहे होते हैं तो दुर्घटना आम बात मानी जाती है, लेकिन जब घटना बड़ी हो तो ऐसी स्थिति में पहचान के लोगों को संपर्क करने में काफी कठिनाई होती. इस स्थिति से बचने के लिए और आपातकालीन स्थिति में वाहन स्वामी अथवा चालक को संपर्क किया जा सके. इसलिए विशाल वर्मा ने रक्षक कोड बनाया है. किस तरह से एक घटना ने विशाल को यह कोड बनाने में मदद किया और क्या है यह रक्षक कोड हम आपको बताते हैं.
गौरलतब है कि, रक्षक कोड एक स्टीकर है. जो आप अपने वाहन पर लगा सकते हैं. इसके माध्यम से आपातकालीन स्थिति में लोग आपके और आपके करीबी को फोन लगा सकते हैं और घटना की जानकारी दे सकते हैं. NEWS 18 LOCAL से बात करते हुए कोड बनाने वाले विशाल वर्मा बताते हैं कि, रक्षक कोड आपके प्राइवेसी का पूरा खयाल रखते हैं. इसके माध्यम से कॉल करने पर फोन तो लगता है. लेकिन एक दूसरे का नंबर शेयर नहीं होता. रक्षक कोड को पांच महीने पहले मैने बनाया था, वहीं अगर आपकी गाड़ी नो पार्किंग में खड़ी थी. उस दौरान पुलिस वाले आपसे संपर्क करना चाहते हैं. तो वो रक्षक कोड स्कैन कर के आपको जानकारी से सकती है. इससे आपकी गाड़ी को नुकसान नहीं होगा. दुर्घटना होने पर वाहन चालक के घायल होने पर परिजनों से संपर्क करने में भी आसानी होगी.
हादसे में दोस्त की मौत से ली सीख
रक्षक कोड बनाने वाले विशाल बताते हैं कि साल 2012-13 दिल्ली यूनिवर्सिटी में जब मैं पढ़ता था. उस दौरान मेरी एक दोस्त की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी. उस दौरान अगर उसके परिजनों को समय पर फोन कर दिया गया होता है. इलाज में कोई समस्या नहीं होती और वो बच जाती, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इसी के बाद मैंने यह आइडिया बनाया और काम शुरू किया. यह रक्षक कोड स्टीकर आपको इंश्योरेंस, पॉल्यूशन के बारे मे भी जानकारी देगा. इसकी कीमत 360 रुपए एक साल के लिए हमने तय किया है. हम स्टार्टअप इंडिया से रजिस्टर है. कोई हमसे संपर्क करना चाहते हैं तो वो हमे 91-9911371136 पर कॉल कर सकते हैं.
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